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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
राठौर विचित्रमणि सिंह
@bichitramani.rathor
निराला : मानवता का सबसे सजग कवि जो बिन लाग लपेट लिखता था
छायावाद के प्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' का शुमार हिन्दी साहित्य के उन कवियों में है जिनकी कलम में जहां एक तरफ व्यवस्था के प्रति आक्रोश था तो वहीं दूसरी तरफ जो बिना किसी लाग लपेट के वास्तविकता को दर्शाना जानती थी.
संस्कृति
| 3-मिनट में पढ़ें
सौरभ रंजना सोनकर
@SaurabhAlfaazJaisy
साहित्य बदलता है, हिन्दी साहित्य बिल्कुल बदल रहा है
परिवर्तन समाज का नियम है और यही नियम साहित्य के क्षेत्र में भी लागू होता है. इसे हम स्वीकार तो कर सकते हैं, मगर इस शर्त के साथ कि, जिसे आज समाज द्वारा स्वीकार किया जा रहा है. ये कल उतना ही प्रभावी रहेगा जितना ये आज है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
जब भाषा को लेकर सियासत हो, तो बैंक वाली नौकरी भी दाव पर लग सकती है
कर्नाटक में भाषा को लेकर जो संग्राम मचा हुआ है वो ये बताने के लिए काफी है कि, अब हम उस ओर जा रहे हैं जहां से हमें विकासशील से विकसित राष्ट्र बनने में अभी बहुत लम्बा वक्त लगेगा.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
साउथ में रहने के बाद, अब मैंने भी भाषाओं की लड़ाई को गंभीरता से लेना छोड़ दिया
मैं दक्षिण में रहा हूं और ये समझ सकता हूँ कि क्यों वहां के लोग हिन्दी या किसी अन्य भारतीय भाषा से परहेज करते हैं. कहा जा सकता है कि दक्षिण भारतीय अपनी संस्कृति और भाषा के लिए बड़े संवेदनशील हैं.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
हमको इंग्लिश नहीं आती देखिये हमारा 'पासपोर्ट' भी हिंदी में है
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने घोषणा की है कि पासपोर्ट इंग्लिश के अलावा हिंदी में भी बनाए जाएंगे. इससे व्यक्ति के लिए ये समझना आसान हो जाएगा कि पासपोर्ट में क्या पूछा गया है.
सोशल मीडिया
| 2-मिनट में पढ़ें
करुणेश कैथल
@karuneshkaithal
प्रोत्साहन गुड, लेकिन बैड है कपिल के विज्ञापन की स्क्रिप्ट!
आश्चर्य की बात यह है कि कपिल शर्मा जैसे बड़े काॅमेडियन जो पता नहीं हर रोज कितने स्क्रिप्ट रटते, बोलते और बनाते होंगे, उनका ध्यान इस वीडियो की स्क्रिप्ट की बारीकियों पर गया ही नहीं !
सोशल मीडिया
| 2-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
कपिल शर्मा ने 'हिंदी' में ऐसी कॉमेडी की, कि अंग्रेजी वाला सहम गया
अंग्रेजी समझना और बोलना अगर सफलता का पैमाना है, तो कपिल शर्मा जैसे स्टार की सफलता के बारे में क्या कहेंगे जिन्हें फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना नहीं आता. सुनिए कपिल का क्या कहना है.
संस्कृति
| 5-मिनट में पढ़ें
एम जे वारसी
@warsimj
रोजमर्रा की जिंदगी में मातृभाषा
हमारी सरकारें ठेकों, पुलों, सड़कों, इमारतों की कमीशनखोरी में इतनी उलझी हुई हैं कि भाषा और बोलियां उनकी प्राथमिकता में नहीं हैं. जो अकादमियां बनाई गई हैं, वहां काम से ज्यादा राजनीति हावी है.
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
विवेक शुक्ला
@vivek.shukla.1610
पाक को बांटने वाली उर्दू की UN में दस्तक
1948 में जिन्ना ने ढाका में उर्दू को पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा घोषित किया था. और इसके साथ ही ईस्ट पाकिस्तान (बांग्लादेश) के बंटवारे की नींव रख दी थी. पाकिस्तान में भी अब सिर्फ 8 फीसदी लोग ही उर्दू बोलते हैं.